Hindi News: अगर आप एंड्रॉयड यूजर हैं, तो वॉयस गाइडेंस के जरिए अपने फोन को अपनी वॉयस से कंट्रोल कर सकते हैं। हालांकि फोन को कॉन्फिगर करने में थोड़ा वक्त लग सकता है, लेकिन एक बार कॉन्फिगर हो जाने के बाद न केवल आप अपनी वॉयस से एप्स लॉन्च कर सकेंगे, बल्कि टेक्स्ट मैसेजेज, रिमाइंडर्स सेट यहां तक कि फोटोग्राफ्स भी क्लिक कर सकेंगे।
गूगल टॉकबैक : गूगल ने इस एप को विजन इंपेयर्ड यूजर्स के लिए डेवलप किया है। इस एप की खासियत है कि जैसे ही यूजर एंड्रॉयड की टच स्क्रीन पर किसी भी फंक्शन या फीचर को सेलेक्ट करेंगे, तो यह एप उसे पढ़ कर सुनाएगी। इस एप को एक्टिवेट करना बेहद आसान है। यूजर इस एप को अपने एंड्रॉयड फोन की सेटिंग्स में जाकर एक्सेसिबिलिटी सेटिंग्स में जाकर एक्टिवेट कर सकते हैं।
गूगल नाउ : यह गूगल की बड़ी चमत्कारी एप्लीकेशन है, जिससे आप सिर्फ बोल कर ही सब कुछ सर्च कर सकते हैं, कॉलिंग कर सकते हैं, नंबर डॉयल कर सकते हैं और यहां तक कि वॉयस टु टेक्स्ट मैसेजेज भी भेज सकते हैं। हालांकि यह एप्लीकेशन एंड्रॉयड 4.1 या उससे ऊपर के ऑपरेटिंग सिस्टम को ही सपोर्ट करती है और 4.1 से ऊपर वर्जन वाले एंड्रॉयड फोन में बिल्ट-इन होती है। इस एप के सभी फीचर्स को एक्सेस करने के लिए फोन में जीपीआरएस या इंटरनेट डाटा पैक एक्टिवेट होना चाहिए।
गूगल टेक्स्ट टू स्पीच : गूगल ने हाल ही में इस एप को अपने प्ले स्टोर पर पब्लिश किया है। गूगल टेक्स्ट टु स्पीच इंजन स्क्रीन पर मौजूद टेक्स्ट को पढ़ कर सुनाता है। इस एप की मदद से यूजर गूगल प्ले बुक्स पर मौजूद बुक्स के टेक्स्ट को सुन सकते हैं। इसके अलावा, यह एप ट्रांसलेशन भी कर सकती है और उसे पढ़ कर भी सुना सकती है। इस एप को यूजर एंड्रॉयड डिवाइस की सेटिंग्स में जाकर लैंग्वेज एेंड इनपुट में टेक्स्ट-टु-स्पीच आउटपुट को सेलेक्ट कर सकते हैं। यह एप इंग्लिश (यूके), इंग्लिश (यूएस), फ्रेंच, जर्मन, इटैलियन, कोरियन और स्पैनिश लैंग्वेजेज को सपोर्ट करती है।
रोबिन : यह एप बेहद इफेक्टिव और इंटेलिजेंट है। यह एप यूजर को इनकमिंग मैसेजेज का अलर्ट देने के साथ-साथ मैसेज के टेक्स्ट को पढ़ कर भी सुनाती है। इस एप की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह ऑफलाइन भी बढि़या काम करती है।
एस-वॉयस : सैमसंग के एंड्रॉयड फोन्स में यह एप बिल्ट-इन है। एस-वॉयस असिस्टेंट की सबसे बड़ी खूबी है इसकी वॉयस रिकग्नाइजेशन एबिलिटी। इस एप का इस्तेमाल यूजर एप लॉन्च करने में, मैसेज कंपोज और भेजने में, इनकमिंग कॉल्स का आंसर देने में और सोशल नेटवर्किंग साइट्स को अपडेट करने में कर सकते हैं।
टेक्स्ट दिखे बड़ा
मायोपिया या शॉर्ट साइटनेस से पीड़ित यूजर्स को छोटा-छोटा टेक्स्ट पढ़ने में काफी प्रॉब्लम होती है। यहां तक कि उन्हें आइकंस को ढूंढने और उन्हें टैपिंग करने में भी परेशानी होती है। ऐसे यूजर्स इस प्रॉब्लम को खत्म करने के लिए अपने एंड्रॉयड फोन के एक्सेसिबिलिटी सेटिंग्स में जाकर शो मैग्निफायर ऑप्शन को अनेबल कर सकते हैं। इस फीचर को एक्टिवेट करने के बाद यूजर हर टेक्स्ट का साइज बड़ा करके पढ़ सकते हैं।
बिग फॉन्ट : यूजर इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इस एप के जरिए यूजर फॉन्ट के साइज को 300 परसेंट तक बढ़ा सकते हैं। इसमें यूजर फॉन्ट का साइज बढ़ाने से पहले उसका प्रिव्यू भी देख सकते हैं। यह एप एंड्रॉयड 2.3 और उससे ऊपर के वर्जन को सपोर्ट करती है।
आईफॉन्ट : सैमसंग एंड्रॉयड यूजर्स इस एप को फ्री में इंस्टॉल कर सकते हैं। इस एप में कई खूबियां हैं, जैसे-एप में यूजर न केवल फॉन्ट का साइज बढ़ा सकते हैं, बल्कि बड़े साइज वाले कस्टम फॉन्ट्स भी फोन में डाइनलोड कर सकते हैं।
गिगैनटिकॉन : अगर आप आइकंस के छोटे साइज से परेशान हैं और टचस्क्रीन पर उन्हें टैपिंग करने में परेशानी होती है, तो गिगैनटिकॉन इस परेशानी का बढि़या सॉल्यूशन है। इस एप की खूबी यह है कि इस एप की मदद से यूजर डिवाइस में इंस्टाल एप के आइकंस के साइज को घटा या बढ़ा सकते हैं।
बिग बटन : कई यूजर्स को कीबोर्ड के बटन भी छोटे लगते हैं, जिससे उन्हें प्रेस करने में दिक्कत होती है। ऑनस्क्रीन कीबोर्ड के बटंस को बड़ा किया जा सकता है। बिग बटन एक ऐसी मैग्निफायर एप है, जो कीबोर्ड के बटंस का साइज बढ़ा देती है, जिससे उन्हें टैप करने में आसानी होती है। इस एप को गूगल प्ले स्टोर से इंस्टाल कर सकते हैं।
एप लॉन्चर को बनाएं बड़ा
एंड्रॉयड, आईफोन की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें कस्टमाइजेशन ऑप्शन का होना। आईफोन में जहां कस्टमाइजेशंस के ऑप्शंस लिमिटेड हैं, वहीं एंड्रॉयड में कस्टमाइजेशन की काफी संभावनाएं हैं। गूगल प्ले स्टोर पर कई ऐसे लॉन्चर उपलब्ध हैं, जो एंड्रॉयड का लुक और फील जैसे फॉन्ट्स, आइकंस समेत कई फीचर चेंज कर सकते हैं।
बिग लॉन्चर : गूगल प्ले स्टोर पर यह फ्री और पेड दोनों वर्जन में उपलब्ध है। फ्री वर्जन में जहां लिमिटेड ऑप्शन हैं, वहीं पेड वर्जन में सभी फीचर एक्सेस कर सकते हैं। फोन में इंस्टाल करने के बाद यह होम स्क्रीन के साइज को बढ़ा देती है, साथ ही टाइल्स को पढ़ने में आसानी होती है। इसके अलावा यह एप लेआउट भी चेंज कर देती है। साथ ही, फोन डायलर, कॉल लॉग्स, एसएमएस इनबॉक्स का भी साइज बढ़ जाता है। इसके अलावा, यूजर अपनी सहूलियत के हिसाब से लॉन्चर के कलर को भी कलर स्कीम्स के जरिए कस्टमाइज कर सकते हैं।
ऑटोमेट मोड पर मोबाइल
जरूरी नहीं है कि आपको हमेशा अपनी एंड्रॉयड डिवाइस का बटन प्रेस करने या वॉयस कमांड देने की जरूरत है। कुछ काम तो यह डिवाइस ऑटोमेटिकली ही कर सकती है। आप न केवल अपनी डिवाइस के वाइ-फाइ को ऑटोमेटिकली स्विच-ऑफ या स्विच ऑन कर सकते हैं, बल्कि बैट्री लेवल के मुताबिक उसकी स्क्रीन ब्राइटनेस को घटा या बढ़ा भी सकते हैं।
टास्कर : इस एप में तमाम ऐसे फीचर हैं, जिनकी मदद से यूजर अपने फोन को ऑटोमेट बना सकते हैं। इसमें यूजर अपनी च्वॉइस के मुताबिक टास्क क्रिएट कर सकते हैं। इसमें यूजर टाइम सेट करके कई एप्स को ऑटोमेटिकली ही ट्रिगर कर सकते हैं। इस एप को यूजर प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।
ऑटोमैजिक : प्ले स्टोर पर इसके पेड और फ्री दोनों वर्जन उपलब्ध हैं। इस एप में लोकेशन के मुताबिक सेटिंग चेंज करने का ऑप्शन है, साथ ही इनकमिंग एसएमएस की ऑटोमेटिक रिप्लाइ देने के अलावा एसएमएस को ऑटोमेटिक जीमेल पर फॉरवर्ड करने का ऑप्शन है। फोन की बैट्री लो होने पर ऑटोमेटिक वाइ-फाइ लॉक, घर पर पहुंचते ही ऑटोमेटिक वाइ-फाइ ऑन-ऑफ के अलावा, टाइम ट्रैकर का भी ऑप्शन है।
ऑटोमेट : प्ले स्टोर पर ऑटोमेट भी बेहतरीन एप्स में से एक है। इसमें चार्जर कनेक्ट या डिस्कनेक्ट करने पर साउंड, ऑटोमेटिक ब्लूटूथ ऑन-ऑफ, वाइ-फाइ ऑन-ऑफ, यूएसबी कनेक्ट-डिस्कनेक्ट, ऑउटगोइंग कॉल्स, इनकमिंग एसएमएस, साउंड प्लेइंग, ऑटो
एडजस्ट स्पीकर वॉल्यूम, डायल नंबर, शटडाउन जैसे तमाम ऑटोमेटेड फीचर्स शामिल हैं।
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